Friday 17 February 2012

खटलीगद नदी कु तूफान


गढ़वाल का मौसम का कोई भरोसा नहीं होता की कब बारिश हो जाएगी ,हर जगह के नदियों के नाम अलग-२ हैं ,हमारे पौड़ी गढ़वाल के पट्टी खाटली की ओर से भी दो नदियों का मिलन हो कर खटल गढ़ नदी बनती है ,एक को लखौर जो सराईखेत से होती हुई रसिया महादेव और दूसरी सोंपखाल से होती हुई रसिया महादेव में आकर दोनों नदी मिलते हैं .फिर एक नदी बनती हैं जो आई खटलगढ़ के नामे से महसूर है .इसमें भी कुदरक का करिश्मा है .जो सराइखेत से आती है वह मटमैला .जंगल से मिटटी , पेड.आदि लाकर लाल बन कर आती है ,पर जो सोंपखाल की ओर से आती है उसमे लाल .मटमैला रंग नहीं आता ,जबकि वहां भी जंगल आदि है इश्वर का करिश्मा नहीं तो क्या है ,हम लोग इन अनोखी चीजों पर ध्यान नहीं देते .पर गढ़वाल के हर पेड़ ,पौधा .पत्थर .पर हमें एक नई देखने को मिलेगा .मैंने देखा कि जिन काँटों को हम तोड़कर .सुखा कर जलाते हैं .उन काँटों में दवाई ,रंग .आदि बनाने के गुण हैं .गढ़वाल के जंगल हो ,मिटटी हो. घास .पत्थर ,हर चीज में हमारे लिय कुछ न कुछ है ,जड़ी बूटी के भंडार हैं बस ,उनका जाँच परख कि कमी है , कोशिश ,मेहनत,हम लोग करे तो गढ़वाल में सोने का खजाना बन सकता है।                          दानसिंह रावत।                              rawatdan09@gmail.com

Wednesday 15 February 2012

सच्चा स्वयं सेवक

मैं एक उत्तरांचल पौरी गढ़वाल पट्टी खाटली ग्राम नो का निवासी हूँ ,मैंने अपने जीवन में एक येसे आदमी को देखा जिसने निस्वार्थ से अपने इलाके के लिया बहुत संघ्रस किया ,5० साल तक गाँव ,सहर में लोंगो की भलाई में गुजरे .उनका कहना था दूसरों की भलाई में आनंद आता है मेरा स्कूल ललीतपुर था उनके पर्यास से हाई स्कूल से इंटर कालेज बना ,लोग दूर सामान के लिय दूर जाते थे सड़क के लिय ,देहरादून ,मालूम नहीं कहाँ -२ गए ,आज सड़कों का जाल बिछ गया है अपने खर्चे से गाँव वालों का भला किया.पोस्ट ऑफिस.बैंक आदि उनके प्रयासों से आज इलाके में चहल पहल है पैर अफ़सोस आज हमारा समाज उनको यद् नहीं करते ,उनका देहांत हो चूका है पर लगता है कही पास ही हैं उनके जाने के बाद ,बाज़ार हो घरों में हो साराब बेचा जा रहा है नव जवानों को नासा के लत लगने लगी है घर बर्बाद हो रहे हैं उनको सभी महात्मा गाँधी बुलाते थे उन्होंने कड़ी में कम किया ,वहां पर भी यूनियन नेता थे ,लोगों को इंसाफ दिलाने में जन लड़देते थे .मैं येसे महँ पुर्ष को नमन करता है